कैनवस पर उभरे. ...कुछ शब्द मेरे
कैनवस सी जिन्दगी. ..और इस पर अपने रंग-बिरंगे ख्यालों से कुछ तस्वीरें उभारने की कोशिश
Saturday 21 March 2015
तलाश
बरामदें में रख के मिट्टी के बर्तन में पानी....
गौरैया में रिश्ते तलाश रहा मन...
अब कहाँ हैं आँगन....और कहाँ है अपनापन
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