Saturday 4 June 2016

दूसरा गौतम

क्या लकीरें हैं हाथ की  ,बहुत नाम करेगा
धन्यवाद गुरूजी, चिंता दूर कर दी आपने
बहुत बड़ा ज्ञानी-ध्यानी बनेगा ये
क्या!! नही..हम नही बनने देंगे इसे दूसरा गौतम
बचपन परिवार की निगरानी में..
सुविधाएँ सारी, पर साथी कोई नही ..
लेकिन उसे चिंता नही प्रकृति और किताबें साथ थे उसके
समय के साथ बेफिक्र हुआ परिवार , शादी की भी तैयारी होने लगी
लेकिन एक दिन एक खत ..
"माँ पिताजी , मेरी मंज़िल कुछ और ही है,इन सब के लिए नही बना हूँ , मैं भी दूसरा गौतम नही बनना चाहता बस इसलिए शादी से पहले ही जा रहा हूँ "
- बेटा
( आज सिरहाने के लिए )

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