Tuesday 28 March 2017

शब्द बन बह जाना


ठहरी हुई ख़ामोशी में,
जमने लगती है,
काई भी..

जरूरी है,
कभी-कभी..
निरन्तर चलते जाना..

जरूरी है,
कभी-कभी..
शोर मचाती भीड़ में..
शब्द बन,
बह जाना।

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