Thursday 31 March 2016

एक शाम की दास्तान

60 साल ..वो उम्र जब एक हमसफर की सबसे ज्यादा जरूरत होती है इनसे भी ज्यादा ..
अपने आस-पास बैठे कई नौजवान जोड़े देख कर सोच रहे थे अकेले बैठे जतिन …
एकाएक नज़र थोड़ी दूर बैठी एक महिला पर पड़ी ..शाम का सिंदूरी रंग समुंदर के सीने से उतर कर उसके चेहरे पर चढ़ा जा रहा था..
एक अजनबी को एकटक घूरते देख अचकचा गई ..जतिन झेंप कर उठ गये और वो भी …
लेकिन अगले दिन नही ..
मुस्कुराई वो ..और जतिन भी
शाम के कारवाँ में दो हमसफर और जुड़ गये थे ..
(आज सिरहाने के लिए)