यूँ तो जो भी आया...
लिख के गया
हर रिश्ते ने
अपनी मनमर्जी से भरा...
फिर भी ..
खाली सी है जिन्दगी
और कोरे से दिन
खुद भरूँ अपने शब्दों से..
कभी सोचा नही
उम्मीदें थी उड़ने को बेताब,
पर मिला आसमां नही..
मेरी डोर ने,
हाथ किसी और का पाया
#SShikha
Great
ReplyDeleteNice one...
ReplyDeleteबहुत सुंदर लेखन शिखा जी। शुभकामनायें..
ReplyDeleteAmazing lines....
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeletebahut hi sundar
ReplyDeleteabhinanan shikha ji
आप सबका शुक्रिया पसंद करने के लिए :)
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